नाम एवं पता
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र - अहार जी
श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र – अहारजी तहसील – बलदेवगढ़, जिला – टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिन – 472001 फोन नं. – 07683-224474
अहार जी
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित इस अहारग्राम में भगवान मल्लिनाथ के तीर्थकाल में सत्रहवें कामदेव मदनकुमार (नलराज) एवं महावीर स्वामी के तीर्थकाल में आठवें केवली बिस्कवल ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां लगभग डेढ सौ मंदिरों का समुदाय था और भगवान शान्तिनाथ की प्रतिमा के आसन पर उत्कीर्ण शिलालेख से पता चलता है कि किसी समय वहां एक विशाल परिधि में ‘मदनसागरपुर‘ नाम का नगर बसा था। आहार में इस समय डेढ़ दो हजार प्रतिमाओं का संग्रह है। जिसमें से अधिकांश खण्डित है। अहार क्षेत्र के अहाते में इस समय तीन मन्दिर है। जिसमें से एक प्राचीन है इसमें बाईस फुट की भगवान शांतिनाथ की मूर्ति है। बाये पार्श्व में ग्यारह फुट की कुन्थुनाथ भगवान की प्रतिमा है जबकि दायें पार्श्व में भगवान अहरनाथ की नवीन मूर्ति स्थापित की गयी है। दीवार वेदियों में त्रिकाल चौबीसी तथा 20 विदेह क्षेत्र स्थित तीर्थंकरों की प्रतिमायें विराजमान है। ऐसी जन श्रुति है कि इस मंदिर का निर्माण चंदेरी निवासी पाणाशाह व्यापारी ने कराया था।
उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास (मय स्नानगृह) – 20, (बिना स्नानगृह) – 150, हाल – 3 (यात्री क्षमता – 200), यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 1000, भोजनशाला – सशुल्क अनुरोध पर, औषधालय – उपलब्ध (आर्युवेदिक), पुस्तकालय – उपलब्ध, , विद्यालय – उपलब्ध (संस्कृत विद्यालय), छात्रावास – व्रती आश्रम)।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन – मऊरानीपुर नगर – 62 कि.मी.,
ललितपुर – 83 कि.मी, झांसी – 120 कि.मी.।
बस स्टैण्ड – बलदेवगढ़ – 10 कि.मी., टीकमगढ़ – 25 कि.मी.।
पहुँचने का सरलतम मार्ग – सड़क मार्ग टीकमगढ़ से आहार जी।
समीपस्थ तीर्थ क्षेत्र
पपौरा जी – 22 कि.मी.,द्रोणगिरि– 56 कि.मी.,खजुराहो – 125 कि.मी., श्री फलहौडी- बड़ागाँव – 30 कि.मी.,ओरछा – 110 कि.मी., कुण्डेश्वर – 30 कि.मी.।
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था प्रबन्धकारिणी समिति – अहार जी (सिद्ध क्षेत्र अहार जी)
अध्यक्ष – डॉ.. शिखरचन्द जी लार (07683-224036)।
महामंत्री – श्री जयकुमार शास्त्री (07683-242634)।
प्रबन्धक – श्री विरेन्द्रकुमार जैन (07683-224474)।
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उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
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भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।
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