नाम एवं पता
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र - अहार जी
श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र – अहारजी तहसील – बलदेवगढ़, जिला – टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिन – 472001 फोन नं. – 07683-224474
तारंगा जी
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
तारंगा जी सिद्धक्षेत्र गुजरात के मध्य में विद्यासागरजी तपोवन स्थित है यहाँ आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज पधारे थे। 1996 में इसकी स्थापना की गयी थी। यहाँ एक भव्य सिंह द्वार तथा क्षेत्र के इष्ट एवं आराध्या देव मूल नायक भगवान वासुपूज्य मुख्य जिनालय, सवा ग्यारह फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा में भगवान नेमिनाथ का जिनालय त्रिकाल चौबीस जिनालय मुख्य आकर्षण है।(यहाँ पक्षी विहार भी है।)
उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास उपलब्ध है, भोजनशाला – उपलब्ध है पुस्तकालय – उपलब्ध है।निकट ही तारंगाजी तीर्थ क्षेत्र में भी समस्त सुविधाएँ उपलब्ध है।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन मेहसाणा – 80 कि.मी.,पालनपुर – 75 कि.मी.।बस स्टैण्ड – तारंगाजी – 2 कि.मी.,
समीपस्थ तीर्थ क्षेत्र
तारंगाजी -2 कि.मी, डेरोल व्हाया वाडाली – 65 कि.मी.,
चिन्तामणी पार्श्वनाथ व्हाया ईडर – 92 कि.मी.।
प्रबन्ध व्यवस्था
ट्रस्टीगण -श्री शिरीषभाई कांतिलाल बखारिया, अहमदाबाद (27550883)।
श्री कन्नुभाई मेहता सूरत (94271-37048)
तीर्थक्षेत्र की वेबसाइट वेबसाइट पर जाएँ
धर्मशाला आरक्षित करें आरक्षित करें
तीर्थक्षेत्र के लिए दान करें दान करें
उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
ABOUT US
Moveth Great. In. Seed seasons waters from won't moving forth saw which also Cattle form fruitful form bring called.
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat. Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore eu fugiat nulla pariatur. Excepteur sint occaecat
WHO WE ARE
Give Dry Called Unto
From it Sign Darkness
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Proin molestie, odio id consectetur elementum, enim eros dignissim
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।
Honor Our Past, Build for the Future
MEET OUR LEGISLATIVE
Our Elected
Representatives
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip
WHO WE SERVE
Recent News from The Industry
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip