शौरीपुरा बटेश्वर
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
यमुना तटीय यह क्षेत्र बाइसवें तीर्थंकर भगवान श्री नेमिनाथ की गर्भ एवं जन्म कल्याणक भूमि है। सहस्त्रों वर्ष पूर्व धन-धान्य से परिपूर्ण इस समृद्ध नगरी को महाराज शूरसेन ने बसाया था। उन्हीं के वंशज महाराज समुद्र विजय के सबसे छोटे भाई वासुदेव भगवान श्री कृष्ण के पिता थे। कुरूवंशी राजा पाण्डु की पत्नी कुन्ती एवं माद्री (जिनके गर्भ से पांच पाण्डवों का जन्म हुआ था) इन्हीं समुद्रविजय राजा की बहनें थी। राजा समुुद्रविजय के पुत्र तीर्थंकर नेमिनाथ थे। इसी पवित्र भूमि पर श्री सुपनिष्ठ मुनि को केवलज्ञान प्राप्त होने पर वे सर्वज्ञ हो गये एवं मुनि श्री यम, श्री धन्य एवं श्री निमलासुत ने इसी पवित्र धरा पर निर्वाण प्राप्त किया था। श्री नेमिप्रभु के पश्चात् भी अनेक दिगम्बर मुनियों को ज्ञानोत्पत्ति के ही कारण यह सिद्ध भूमि कहलाती है। यह सिद्ध क्षेत्र एवं कल्याणक क्षेत्र दोनों ही है। क्षेत्र के भूगर्भ से अनेक प्राचीन मूर्तियाँ, महाभारत कालीन ईंटे तथा पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हुई है।आदि मन्दिर (बरूवा-मठ) तथा शंखध्वज जिनालय में श्री नेमिनाथ, श्री वृषभनाथ, श्री विमलनाथ, श्री चन्द्रप्रभु के मनोज्ञ जिनबिम्व विराजमान है। पंचमठी की पाँचों टोकों में पंचमगति प्राप्त मुनियों के चरण चिन्ह है।
बटेश्वर:- शौरीपुर के वैभवकाल में बटेश्वर शौरीपुरा का एक उपनगर था। बटेश्वर शौरीपुर जाते समय मार्ग में 2 कि.मी. पहले पड़ता है। यहाँ संवत् 1838 में जैन मन्दिर का निर्माण हुआ जिसका वास्तुशिल्प प्राचीन वास्तु विज्ञान का उत्कृष्ट नमूना है, जिसकी दो मंजिले यमुना तल के नीचे और दो उपर है। मन्दिर में कृष्ण पाषाण निर्मित साढ़े पाँच फुट अवगाहना वाली मूलनायक अजितनाथ स्वामी की पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। यह प्रतिमा सन् 1167 (संवत 1224) में प्रतिष्ठित की गई थी। यह प्रतिमा ‘‘मणिया देव’’ के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ अनेक प्राचीन प्रतिमाएँ भी विराजमान है, जिसमें श्री शान्तिनाथ की खड्गासन प्रतिमा संवत 1150 (ई. जनू 1093) है। कुछ प्रतिमाओं पर प्रशस्ति लेख नहीं है। उन्हें अतिप्राचीन माना जाता है।।
उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास कमरे – 39,हाल – 2 (बटेश्वर),गेस्ट हाऊस -1(शौरीपुर), यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 200।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन – फिरोजबाद – 35 कि.मी.,आगरा – 70 कि.मी.।।
बस स्टैण्ड – बाह 7 कि.मी.।पहुँचने का सरलतम मार्ग – श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर,अहिंसा चैक हरी पर्वत, आगरा से प्रतिदिन 7.30 बजे कमेटी की बस द्वारा एत्मादपुर, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद आदि मंदिरों के दर्शन कराते हुए बटेश्वर एवं शौरीपुर पहुंचती है।संपर्क नं : 0562-2854863।
समीपस्थ तीर्थ क्षेत्र
फिरोजाबाद – 35 कि.मी., आगरा – 70 कि.मी., मथुरा चैरासी -110 कि.मी.।
प्रबन्ध व्यवस्था
श्री शौरीपुर बटेश्वर दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र कमेटी
अध्यक्ष – श्री स्वरूपचन्द्र जैन (0562-2520027, 2850812)।
मंत्री – श्री भोलानाथ जैन (0562-2853130)।
प्रबन्धक – श्री पदमचन्द जैन (05614-234717) बटेश्वर जैन मंदिर
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भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।