नाम एवं पता
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र - अहार जी
श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र – अहारजी तहसील – बलदेवगढ़, जिला – टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिन – 472001 फोन नं. – 07683-224474
नालछा
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
नवोदित अतिशययुक्त इस तीर्थक्षेत्र पर आकर्षक पंच पहाडी पर 24 फुट ऊँचाई पर कमलासन भगवान महावीर स्वामी की 15 फुट की पद्मासन प्रतिमा, वासुपूज्य भगवान, मल्लिनाथ भगवान, नेमिनाथ और पार्श्वनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमाएं विराजमान है। इन वेदियों के दोनों ओर माता पद्मावती यक्षणी व धरणेन्द्र यक्ष की वेदिया तथा तलहटी में सर्वसिद्धी दिगम्बर जैन मंदिर है।
प्रबन्ध व्यवस्था
अध्यक्ष – श्री विजयकुमार जैन, दिल्ली (011-22429222, 9810033228) महामंत्री – श्री रमेशचन्द्र जैन, गुडगाँव (0124-2321146, 2321683
9818510007) strong>प्रबन्धक – श्री वसन्त जैन (09818324896)
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन – दिल्ली – 44 कि.मी.।
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास – कमरे – 48, भोजनशाला – उपलब्ध है, पुस्तकालय – उपलब्ध है।
(बालक्रीडा उद्यान, जलपान गृह साधु-संतों हेतु 8 कमरे तथा एक बड़ा हाल,
प्रवचन हाल आदि भी उपलब्ध है)।
समीपस्थ तीर्थक्षेत्र
तिजारा – 60 कि.मी.,
महावीर जी – 400 कि.मी.।
नालछा
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
कागदीपुरा (नालछा) में प्रागैतिहासिक काल से मुगलकाल तक के खण्डहरों के अवशेष विद्यमान है। प्राचीनतम अवशेषों के रूप में जैन तीर्थंकर नेमिनाथ की छठी शताब्दी की पद्मासन प्रतिमा ध्यानस्थ मुद्रा में है। यहां सन् 2007 मे खुदाई में भगवान आदिनाथ की पद्मासन प्रतिमा, भगवान महावीर की स्लेटी पत्थर की प्रतिमा तथा दो लांछन विहीन तीर्थकर प्रतिमाएं प्राप्त हुई है। यहां कलियुग के कालिदास कहे जाने वाले पंडित आशाधर द्वारा स्थापित नेमिनाथ जिनालय, साहित्य मंदिर एवं विद्यापीठ के अवशेष प्राप्त हुए है।
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उपलब्ध सुविधाएं
श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास (मय स्नानगृह) – 20, (बिना स्नानगृह) – 150, हाल – 3 (यात्री क्षमता – 200), यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 1000, भोजनशाला – सशुल्क अनुरोध पर, औषधालय – उपलब्ध (आर्युवेदिक), पुस्तकालय – उपलब्ध, , विद्यालय – उपलब्ध (संस्कृत विद्यालय), छात्रावास – व्रती आश्रम)।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन – मऊरानीपुर नगर – 62 कि.मी.,
ललितपुर – 83 कि.मी, झांसी – 120 कि.मी.।
बस स्टैण्ड – बलदेवगढ़ – 10 कि.मी., टीकमगढ़ – 25 कि.मी.।
पहुँचने का सरलतम मार्ग – सड़क मार्ग टीकमगढ़ से आहार जी।
समीपस्थ तीर्थ क्षेत्र
पपौरा जी – 22 कि.मी.,द्रोणगिरि– 56 कि.मी.,खजुराहो – 125 कि.मी., श्री फलहौडी- बड़ागाँव – 30 कि.मी.,ओरछा – 110 कि.मी., कुण्डेश्वर – 30 कि.मी.।
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था प्रबन्धकारिणी समिति – अहार जी (सिद्ध क्षेत्र अहार जी)
अध्यक्ष – डॉ.. शिखरचन्द जी लार (07683-224036)।
महामंत्री – श्री जयकुमार शास्त्री (07683-242634)।
प्रबन्धक – श्री विरेन्द्रकुमार जैन (07683-224474)।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।