तारंगा क्षेत्र उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले में अरावली पर्वत मालाओं की एक मनोरम टेकरी पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र है। यहां से वरदत्त, वरांग,सागरदत्त, आदि साढे तीन करोड मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया था। इस नगर …
पढ़ना जारी रखेंसिद्ध क्षेत्र ऊन पावागिरि की खोज वीर निर्माण संवत् 2440 ईसवी सन् 1914 के लगभग हुई थी। यह स्वर्णभद्र मुनि की मोक्षस्थली है। यहाँ भगवान महावीर की 3 फीट ऊँची पदमासन प्रतिमा क्षेत्र के पुजारी श्री चेतनलाल जैन को स्वप्न …
पढ़ना जारी रखेंविन्ध्याँचल पर्वत की भांडेर पर्वत श्रेणियों में प्राकृतिक छटा युक्त कुण्डगिरि पहाडी पर तथा नीचे घाटी में 63 जिनालय है। पहाड़ी के मध्य बड़े बाबा का मन्दिर है,जिसमें भगवान आदिनाथ ‘‘बड़े बाबा’’ की 15 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा 5वीं-6ठीं सदी …
पढ़ना जारी रखेंगिरनार पर्वत सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र है। क्षेत्र पर बाइसवें तीर्थंकर अरिष्टनेमि (नेमिनाथ) के दीक्षा, केवल ज्ञान और निर्वाण हुए है, इसीलिये यह क्षेत्र कल्याणक क्षेत्र एवं तीर्थराज सिद्धक्षेत्र कहलाता है।गिरनार पर्वत के उपर पांच टोकंे है जिनमें राजुल गुफा, अनिरूद्ध …
पढ़ना जारी रखेंशंत्रुजय पर्वत निर्वाण क्षेत्र है। इस स्थान से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन तीन पाण्डव तथा आठ करोड द्रविड़ राजा मुनि मोक्ष को गये है। पालीताणा शहर से गिरि की तलहटी एक मील दूर है। पालीताणा शहर में एक दिगम्बर जैन …
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