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2019

  • मुखपृष्ठ
  • Year: 2019
  • April 16, 2019
  • सिद्धक्षेत्र

गिरनारजी

गिरनार पर्वत सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र है। क्षेत्र पर बाइसवें तीर्थंकर अरिष्टनेमि (नेमिनाथ) के दीक्षा, केवल ज्ञान और निर्वाण हुए है, इसीलिये यह क्षेत्र कल्याणक क्षेत्र एवं तीर्थराज सिद्धक्षेत्र कहलाता है।गिरनार पर्वत के उपर पांच टोकंे है जिनमें राजुल गुफा, अनिरूद्ध …

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  • April 16, 2019
  • सिद्धक्षेत्र

शत्रुंजयजी

शंत्रुजय पर्वत निर्वाण क्षेत्र है। इस स्थान से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन तीन पाण्डव तथा आठ करोड द्रविड़ राजा मुनि मोक्ष को गये है। पालीताणा शहर से गिरि की तलहटी एक मील दूर है। पालीताणा शहर में एक दिगम्बर जैन …

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  • April 15, 2019
  • अतिशयक्षेत्र

द्रोणगिरि

द्रोणगिरि पर्वत से गुरूदत्त मुनि के साथ साढे आठ करोड मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियां बनी हुई है। पर्वत पर 38 जिनालय एवं तीन गुफाएँ है। पर्वत के पास ही दो कुण्ड …

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  • April 15, 2019
  • अतिशयक्षेत्र

मंगलगिरि

इस क्षेत्र पर भगवान महावीर की 11.25 फीट ऊँची खड्गासन 9 टन पीतल की विश्व की प्रथम मूर्ति है यह मूर्ति अति मनोहारी एवं चमत्कारिक है। मन्दिर के शिखर की ऊॅचाई भूतल से 111 फीट है। क्षेत्र पर भगवान पार्श्वनाथ …

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  • April 15, 2019
  • सिद्धक्षेत्र

सिद्ध क्षेत्र सिद्धवरकूट

रेवा-कावेरी नदियों के संगम पर स्थित सिद्ध क्षेत्र से दो चक्रवर्ती, 10 कामदेव व साढ़े तीन करोड़ मुनि मोक्ष गये हैं। भट्टा्रक महेन्द्रकीर्ति ने संवत् 1935 में स्वप्न पाकर वनों में भ्रमण किया फलस्वरूप भगवान चन्द्रप्रभु एवं आदिनाथ की अति …

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  • April 16, 2019
  • सिद्धक्षेत्र

सिद्ध क्षेत्र ऊन (पावागिरि)

सिद्ध क्षेत्र ऊन पावागिरि की खोज वीर निर्माण संवत् 2440 ईसवी सन् 1914 के लगभग हुई थी। यह स्वर्णभद्र मुनि की मोक्षस्थली है। यहाँ भगवान महावीर की 3 फीट ऊँची पदमासन प्रतिमा क्षेत्र के पुजारी श्री चेतनलाल जैन को स्वप्न …

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  • April 16, 2019
  • सिद्धक्षेत्र

कुण्डलपुर

विन्ध्याँचल पर्वत की भांडेर पर्वत श्रेणियों में प्राकृतिक छटा युक्त कुण्डगिरि पहाडी पर तथा नीचे घाटी में 63 जिनालय है। पहाड़ी के मध्य बड़े बाबा का मन्दिर है,जिसमें भगवान आदिनाथ ‘‘बड़े बाबा’’ की 15 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा 5वीं-6ठीं सदी …

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  • April 15, 2019
  • अतिशयक्षेत्र

बजरंगगढ़

प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण एवं सुरम्य पहाडियों की तलहटी में पलाश एवं घने वृक्षों की छाया में घिरे एवं आज पूरी तरह खण्डहरों का गाँव बन चुके दिगम्बर जैनअतिशय क्षेत्र बजरंगगढ़ में किले के नीचे नदी के तट पर पाडाशाह …

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  • April 15, 2019
  • अतिशयक्षेत्र

गोलाकोट

बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विन्ध्यांचल पर्वतों के मध्य विशाल सरोवर अनेक वृक्षों एवं अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य से सुशोभित सुन्दर गोल पहाड़ी पर 80 फीट की चहारदीवारी या कोट में स्थित प्राचीन क्षेत्र श्री गोलाकोट जी कला तथा साधना का अद्वितीय केन्द्र …

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  • April 15, 2019
  • तीर्थक्षेत्र

झालरापाटन

यहाँ भगवान शान्तिनाथ का एक विशाल मंदिर है, जिसमें मूलनायक भगवान शांतिनाथ की 12 फुट ऊँची अत्यन्त सौम्य खड्गासन प्रतिमा है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर एक प्राचीन शांतिनाथ भगवान के मंदिर जिसका निर्माण सन् 1046 में हुआ …

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हमारा परिचय

देश भर में स्थित विभिन्न दिगम्बर जैन तीर्थों की देखरेकरके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन कीआवश्यकता है, यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई.मेंमुंबई निवासी दानवीर, जैनकुलभूषण, तीर्थ भक्तसेठ माणिकचंद हिराचंदजवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ । सेठ साहब मुंबई प्रांतीय दिगम्बर जैनसभा के सर्वेसर्वा थे। अपने संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने उसी सभा में तीर्थ रक्षा विभाग की स्थापना की ।


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संपर्क सूत्र

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन
तीर्थक्षेत्र कमेटी.
कार्यालय : द्वितीय तल, हीराबाग,
कस्तूरबा गाँधी चौक, सीपी टैंक,
मुम्बई – 400004.

tirthvandana4@gmail.com

 टेलीफोन – 022-23878293

प्रबंधक- 9833671770
सहायक- 9109228683


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