सदस्यता फार्म
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
संस्थागत सदस्यता:
कोई भी साझेदारी संस्था (फर्म), पेढ़ी, कंपनी, धर्मार्थ न्यास (चेरिटेबल ट्रस्ट), सोसायटी या कॉर्पोरेट निकाय पदाधिकारी परिषद की स्वीकृति के सदस्य बन सकेंगे।
परंतु उनको सदस्य बनने पर अपनी ओर से प्रतिनिधि के रूप में किसी एक दिगम्बर जैन व्यक्ति का हो नाम भेजना होगा। यह प्रतिनिधि सदस्य कभी भी बदला जा सकेगा। इस प्रकार की सदस्यता 25 वर्ष की अवधि तक के लिए होगी ।
व्यक्तिगत सदस्यता:
21 वर्ष से अधिक आयु वाला कोई भी दिगम्बर जैन धर्मावलम्बी स्त्री/पुरुष पदाधिकारी परिषद की स्वीकृति से सदस्य बन सकेगा।
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कोई भी साझेदारी संस्था (फर्म), पेढ़ी, कंपनी, धर्मार्थ न्यास (चेरिटेबल ट्रस्ट), सोसायटी या कॉर्पोरेट निकाय पदाधिकारी परिषद की स्वीकृति के सदस्य बन सकेंगे।
परंतु उनको सदस्य बनने पर अपनी ओर से प्रतिनिधि के रूप में किसी एक दिगम्बर जैन व्यक्ति का हो नाम भेजना होगा। यह प्रतिनिधि सदस्य कभी भी बदला जा सकेगा। इस प्रकार की सदस्यता 25 वर्ष की अवधि तक के लिए होगी ।
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भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुल भूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ । सेठ साहब मुंबई प्रतिक दिगम्बर जैन सभा के सर्वेसर्वा थे। अपने संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने उसी सभा में तीर्थ रक्षा विभाग की स्थापना की तथा समीपस्थ शत्रुजय, सारंगा और पावागढ़ आदि क्षेत्रों पर जीणोद्धार एवं व्यवस्था संबंधी कार्य प्रारम्भ कराये । यह व्यवस्था सेठ माणिकचंदजी के विराट संकल्पों की पूर्ति नहीं कर पाई । इतने बड़े देश में फैले हुए अनगिनत लीथों की रक्षा के लिए एक स्वतंत्र संस्था की आवश्यकता उनके दूरदर्शी मन में प्रखरता से उभरती रही । भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के अधिवेशनों के अवसर पर जवेरी जी ने अपने पूज्य तीथों के विधिवत संरक्षण और संचालन की आवश्यकता समाज के सामने प्राथमिकता के रूप में प्रस्तुत की। उनके विचारों को समाज की सहमति प्राप्त हुई और इस लक्ष्य की पूर्ति के प्रति समाज में एक उत्साह भरा वातावरण बनने लगा ।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
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Registered under Indian Society Act of 1960
bearing No.570 of 1930 Bombay Public Trust Act,
of 1950 bearing No.F/10 of 1952
कार्यालय : हीराबाग, सी पी टैंक, मुंबई – ४०० ००४
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भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, दिगंबर जैनों
की एक अखिल भारतीय संस्था है।
इसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
1) प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर, क्षेत्रों (सिद्ध क्षेत्र, अतिशय क्षेत्र, अन्य क्षेत्र), प्रतिमाओं (मूर्तियों), लिपि, शिलालेखों की पहचान व खोज करना और तीर्थक्षेत्रों के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण करवाना।
2) प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर, क्षेत्रों (सिद्ध क्षेत्र, अतिशय क्षेत्र, अन्य क्षेत्र), प्रतिमाओं (मूर्तियों), लिपि, शिलालेखों की पहचान व खोज करना और तीर्थक्षेत्रों के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण करवाना।
3) विभिन्न सरकारी विभागों (भारतीय पुरातत्व विभाग आदि) के साथ समन्वय करना और प्राचीन मंदिर / क्षेत्रों की मरम्मत के लिए सरकारी अनुदान प्राप्त करने का प्रयास करना।