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अतिशय क्षेत्र
क्षेत्र का महत्व एवं ऐतिहासिकता
द्रोणगिरि पर्वत से गुरूदत्त मुनि के साथ साढे आठ करोड मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियां बनी हुई है। पर्वत पर 38 जिनालय एवं तीन गुफाएँ है। पर्वत के पास ही दो कुण्ड है जिनका जल सर्दियों में गर्म तथा गर्मी में ठण्डा रहा है। इस क्षेत्र के दोनो ओर चंदाक्षीप, श्यामरी नामक दो नदियाँ बहती है। पर्वत की तलहटी में प्राचीन आदिनाथ जिनालय में मूल नायक आदिनाथ तीर्थंकर के अतिरिक्त छोटी बडी 125 प्रतिमायें स्थापित है। अष्ट धातु से निर्मित समवशरण की छवि देखते बनती है। श्यामरी नदी तट पर स्थित चौबीसी जिनालय में तीर्थंकर ऋषभदेव मूलनायक की 5 फीट अति मनोहर अतिशय प्र्रतिमा के साथ दोनो तरफ 24 तीर्थंकरों को प्रत्येक वेदी पर विराजमान किया गया है। मुख्य द्रोणगिरि पर तीन टोक में मंदिर स्थित है जिसमें प्रथम सुपार्श्वनाथ भगवान के नाम से जानी जाती है, तृतीय टोंक आदिनाथ टोक कहलाती है इसी टोक पर चर्तुमुखी मानस्तम्भ भी स्थित है। द्वितीय टोंक पर चन्द्रप्रभू के साथ शांतिनाथ, महावीर स्वामी जी के जिनालय स्थित है। इसी टोंक पर कांच की नक्काशी से युक्त भव्य जिनालय भी है।
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Proin nec blandit magna, vel eleifend justo. Nunc sapien diam, pulvinar finibus Read Moreअतिशय क्षेत्र – चंदेरी
श्री दिगम्बर जैन चौबीसी बड़ा मन्दिर - चंदेरी
अतिशय क्षेत्र – द्रोणगिरि
श्री दिगम्बर जैन चौबीसी बड़ा मन्दिर - चंदेरी
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास कमरे (मय स्नानगृह) – 15, (बिना स्नानगृह) – 83, हाल – 3 (यात्री क्षमता – 500), गेस्ट हाउस – 1, संत निवास – 1,यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 2000, भोजनशाला -सशुल्क अनुरोध पर, औषधालय – उपलब्ध (आयुर्वेदिक) निःशुल्क,
पुस्तकालय – उपलब्ध,विद्यालय – उपलब्ध (उदासीन आश्रम है), ।।
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र
अहारजी 58 कि.मी., पपौरा जी – 58 कि.मी.,नैनागिरि– 88 कि.मी.,खजुराहो -107 कि.मी.,डेरा पहाडी – 57 कि.मी., सोनागिरि – 225 कि.मी.,
कुण्डलपुर – 147 कि.मी.,देवगढ़ – 152 कि.मी.।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन हरपालपुर एवं सागर – 117 कि.मी.,झाँसी – 175, कि.मी.,ललितपुर – 120 कि.मी.,दमोह – 103 कि.मी.। हवाई अड्डा – खजुराहो – 107 कि.मी.। बस स्टैण्ड – बड़ा मलहरा – 7 कि.मी., छतरपुर – 57 कि.मी., टीकमगढ़ – 60 कि.मी.।पहुँचने का सरलतम मार्ग – बड़ा मलहरा से द्रोणगिरि क्षेत्र सड़क मार्ग। राष्ट्रीय मार्ग – 86, कानपुर, सागर, बड़ा मलहरा से प्रति 30 मिनिट में वाहन उपलब्ध।
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था संस्था श्री गुरूदत्त दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट लघु सम्मेद शिखर – द्रोणगिरि।
अध्यक्ष (प्रबन्ध समिति) – श्री संतोषकुमार जैन (घडी साबुन) सागर (07582-243292)(ट्रस्ट कमेटी) – डॉ. हेमचंद जैन ‘‘फणीन्द्र‘‘ (07689-252377)
उपाध्यक्ष – श्री हुकुमचंद जैन (मधु) (07683-240302)श्री शिखरचन्द्र जैन (07682-240382)।
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भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास
देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।