जैन समाज की मांग – सम्मेदशिखरजी को शाकाहारी क्षेत्र घोषित किया जाये

पारसनाथ मधुबन को शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग

20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीसम्मेदशिखरजी को शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग  भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया व जैन श्वेताम्बर सोसायटी के अध्यक्ष श्री केएस रामपुरिया ने सरकार से की है | श्री शिखरचंद पहाड़िया ने कहा कि शिखरजी महानतम और पवित्र स्थल है, यहाँ का कण-कण पवित्र है | शिखरजी को पहले ही शाकाहारी घोषित कर देना चाहिए था |  आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महराज ने केंद्र और राज्य सरकार से श्री सम्मेदशिखरजी  क्षेत्र को शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की  मांग की है |  इसके आलावा समस्त जैन समाज सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से तीर्थस्थल  को शाकाहारी बनाने की मांग कर रहा है मांग है कि श्री सम्मेदशिखर से कम से कम 15 कि.मी. की परिधि में मांस, मछ्ली, अंडा और शराब आदि की बिक्री नहीं होनी चाहिए और न ही सेवन होना चाहिए |

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
www.tirthkshetracommittee.com

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास

देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।


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