द्रोणगिरि पर्वत से गुरूदत्त मुनि के साथ साढे आठ करोड मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियां बनी हुई है। पर्वत पर 38 जिनालय एवं तीन गुफाएँ है। पर्वत के पास ही दो कुण्ड …
पढ़ना जारी रखेंइस क्षेत्र पर भगवान महावीर की 11.25 फीट ऊँची खड्गासन 9 टन पीतल की विश्व की प्रथम मूर्ति है यह मूर्ति अति मनोहारी एवं चमत्कारिक है। मन्दिर के शिखर की ऊॅचाई भूतल से 111 फीट है। क्षेत्र पर भगवान पार्श्वनाथ …
पढ़ना जारी रखेंयह क्षेत्र सोलापुर-हैदराबाद हाइवे पर सोलापुर से आगे मुरूम मोड़ से 9 कि.मी. अन्दर है। यहां श्री पार्श्वनाथ की अतिशययुक्त प्रतिमा विराजमान है।देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के …
पढ़ना जारी रखेंप्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण एवं सुरम्य पहाडियों की तलहटी में पलाश एवं घने वृक्षों की छाया में घिरे एवं आज पूरी तरह खण्डहरों का गाँव बन चुके दिगम्बर जैनअतिशय क्षेत्र बजरंगगढ़ में किले के नीचे नदी के तट पर पाडाशाह …
पढ़ना जारी रखेंबुन्देलखण्ड क्षेत्र में विन्ध्यांचल पर्वतों के मध्य विशाल सरोवर अनेक वृक्षों एवं अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य से सुशोभित सुन्दर गोल पहाड़ी पर 80 फीट की चहारदीवारी या कोट में स्थित प्राचीन क्षेत्र श्री गोलाकोट जी कला तथा साधना का अद्वितीय केन्द्र …
पढ़ना जारी रखेंबुन्देलखण्ड के इस महत्वपूर्ण तीर्थक्षेत्र में स्थित इस मंदिर के दो भाग है आगे वाला भाग बड़ा मंदिर कहलाता है, पीछे भाग में चौबीसी है बड़ा मंदिर अधिक प्राचीन है इसके एक स्तम्भ पर सं. 1350 का शिलालेख है इस …
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