“श्रावक रत्न अलंकरण” से तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया को किया सम्मानित

“श्रावक रत्न अलंकरण” से तीर्थक्षेत्र कमेटी के नए अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया को किया सम्मानित

श्री शिखरचंद पहाड़िया एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रेमलता की सम्मान यात्रा निकाली गई

श्रवणबेलगोला  शहर के चामुंडराय सभा मंडप में गुरूवार को भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के नए अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़ियाजी का विशेष सम्मान किया गया । इस अवसर पर श्रवणबेलगोला श्रीक्षेत्र के प्रमुख चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी व अन्य अतिथियों ने विशेष योगदान व सहयोग के लिए श्री शिखरचंद पहाड़िया को “श्रावक रत्न अलंकरण” से सम्मानित किया । इस अवसर पर चरुकीर्ती भट्टारक स्वामी जी ने भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा दिए गये योगदान की सराहना करते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान इस समिति द्वारा कर्नाटक के लिए एक करोड़ रूपये का अनुदान घोषित कर एक विशेष कीर्तिमान रचा था । उन्होंने तीर्थक्षेत्र कमेटी के इतिहास की जानकारी देते हुए कहा कि यह समिति हमेशा से समाजसेवा व तीर्थकल्याण के लिए कार्य करती आ रही है । उन्होंने बताया कि इस तीर्थ समिति के पूर्व अध्यक्ष रहे श्री हुकुमचंद सेठ को मैसूर महाराजा ने अपने राजमहल में बुलाकर उनका अभिनन्दन किया था तथा श्री हुकुमचंदसेठ ने कमेटी द्वारा कर्मचारियों के वेतन के लिए 50 लाख रूपये का अनुदान व कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों में स्थित दिगम्बर मठों को सहयोग देने की अभूतपूर्व घोषणा की थी  जो कि उस जमाने की बहुत बड़ी रकम थी । चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी ने कहा कि आज भी तीर्थक्षेत्र कमेटी के समाजसेवी कार्य गतिमान हैं जो कि एक परम्परा बन चुकी है । स्वामीजी ने भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के कार्यों को सराहा ।

चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी ने कहा कि आज के परिवेश में समाज व परिवार में तनाव का माहौल है जिसके परिणामस्वरूप हर व्यक्ति परेशान है । स्वामीजी ने कहा कि तनाव का त्याग कर हमें शांति के मार्ग को अपनाना चाहिए तभी हम घर परिवार व समाज में शांति की स्थापना कर सकते हैं । धार्मिक विरासत की सुरक्षा को सभी को एक होना चाहिए और अपने बुजुर्गों की समाजसेवा की परम्परा को आगे बढ़ाना चाहिए । शिखरचंद पहाड़िया के सम्मान से पूर्व श्रीक्षेत्र की ओर से श्री शिखरचंद पहाड़िया व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रेमलता की सम्मान यात्रा निकाली गई जिसमें मैसूर बैंड सेट, मंगल वाद्य व समाज के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे । विद्यानंद छात्रावास से शुरू हुई शोभायात्रा विभिन्न मांगों से होती हुई सम्मान समोरोह स्थल पर पहुंची पर पहुंची और धर्मसभा व सम्मान समारोह में परिवर्तित हो गई ।

इस अवसर पर तीर्थक्षेत्र कमेटी के नए अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया ने श्री चरुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी व अन्य साधु-साध्वियों के प्रति आभार जताया और कहा कि भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी देश भर में प्राचीन व निर्वाण क्षेत्रों के विकासकार्य के लिए कटिबद्ध है । उन्होंने कहा कि तीर्थक्षेत्र कमेटी विकास कार्यों का भार वहन करेगी तथा समाजसेवा व मानवसेवा के कार्यों को गति प्रदान करेगी तथा समाजसेवा व मानवसेवा के कार्यों को भी गति प्रदान करेगी । इस अवसर पर श्रवणबेलगोला श्रीक्षेत्र की ओर से श्री शिखरचंद पहाड़िया को ‘श्रावक रत्न अलंकरण’ द्वारा सम्मानित किया गया । चारूकीर्ति भट्टारक स्वामीजी ने आचार्य गुलाबभूषणजी की पावन उपस्थिति में श्री शिखरचंद पहाड़िया को रजत कलश व अलंकरण पत्र भेंट किया । इस अवसर पर विभिन्न जैन संस्थानों द्वारा अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया एवं मंत्री श्री संतोष जैन पेंढारी का सम्मान किया गया ।

कुष्मांडिनी महिला समाज ने भी सम्मान किया । तीर्थक्षेत्र कमेटी के पदाधिकारियों ने कृतज्ञता स्वरूप स्वामीजी को रजत दीप व फल आदि अर्पण किये । इस अवसर पर श्री संतोष जैन पेंढारी, श्री जयकुमार, केजेए अध्यक्ष बी. प्रसन्नैया, श्री विनोद बाकलीवाल, श्री विनोद वलियान्नावर, श्री निहालचंद जैन, श्री अशोक सेठी, श्री पद्मकुमार, एचपी श्री अशोककुमार व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे ।

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
www.tirthkshetracommittee.com

भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी का इतिहास

देश भर में दूरदूर तक स्थित अपने दिगम्बर जैन तीर्थयों की सेवा-सम्हाल करके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन की आवश्यकता है , यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई. में, मुंबई निवासी दानवीर, जैन कुलभूषण, तीर्थ भक्त, सेठ माणिकचंद हिराचंद जवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ ।


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