कर्नाटक के बेल्लारी जिला, सिरुगुप्पा तालुका के बालकुंडी (बालाकुंड) गांव पहले जैनों का प्रसिद्ध स्थान था| गत दिनों पहले पहाड़ के पीछे खेत में जेसीबी से चल रही खुदाई के समय 5 काले पत्थर मिले हैं जिसके ऊपर मूर्तियाँ बनी …
पढ़ना जारी रखेंकर्नाटक के बेल्लारी जिला, सिरुगुप्पा तालुका के बालकुंडी (बालाकुंड) गांव पहले जैनों का प्रसिद्ध स्थान था| गत दिनों पहले पहाड़ के पीछे खेत में जेसीबी से चल रही खुदाई के समय 5 काले पत्थर मिले हैं जिसके ऊपर मूर्तियाँ बनी …
पढ़ना जारी रखेंदेश भर में स्थित विभिन्न दिगम्बर जैन तीर्थों की देखरेकरके उन्हें एक संयोजित व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए किसी संगठन कीआवश्यकता है, यह विचार उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्वसन् 1899 ई.मेंमुंबई निवासी दानवीर, जैनकुलभूषण, तीर्थ भक्तसेठ माणिकचंद हिराचंदजवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ । सेठ साहब मुंबई प्रांतीय दिगम्बर जैनसभा के सर्वेसर्वा थे। अपने संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने उसी सभा में तीर्थ रक्षा विभाग की स्थापना की ।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन
तीर्थक्षेत्र कमेटी.
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